Saturday 26 May, 2007

Health Tips..

This article is written by Vaidyaji Shri Radheshyam Kaushik B.A.M.S. M.I.M.S. (Haridwar). He is an experienced & learned person (VAIDYAJI) of Ayurveda in Titron, distt. Saharanpur,U.P.
( His Ph.No.- 098 37855941)


मधुमेह

रहन-सहन का स्तर ऊँचा हो जाने से प्रत्येक व्यक्ति ढ़ेर सारे खाद्य-पदार्थों में से अपनी पसंद के भोजन को चुनने में सक्षम हो गया है। रेफ्रिजेरेशन तथा खाद्यपदार्थों का अन्य तकनीक से लंबे समय तक खाने योग्य बनाए रखना और फिर उनका उपयोग करना तथा फास्टफूड और कोल्ड-ड्रिंक के अत्यधिक प्रयोग से और इसके अलावा अधिकाँश समय बैठे रहकर काम करने के कारण तथा व्यायाम के अभाव से और जीवन के तनावग्रस्त होने के कारण भी कई विकराल बीमारियों ने मानव जीवन में घर कर लिया है जैसे - मोटापा, मधुमेह, हृदय और गुर्दे संबंधी विकार और गर्दन और पीठ दर्द इत्यादि।
गाँववासियों की अपेक्षा शहरवासी अधिक संख्या में इन बीमारियों से ग्रस्त है।
मधुमेह की परिस्थिति में शरीर के भीतर रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है जिसे नियमित व्यायाम, आहार, रहन-सहन में बदलाव एवं उचित प्राकृतिक औषधियों के सेवन से काबू में किया जा सकता है।
लक्षण- ज़रुरत से ज़्यादा प्यास, भूख बहुत लगना, बार-बार लघुशंका की इच्छा के अलावा वजन में गिरावट आँखों में रोशनी की कमी भी मधुमेह के लक्षण हो सकते हैं। परिवार में किसी अन्य व्यक्ति को पहले से मधुमेह होना इस रोग की संभावना को बढ़ा देता है।
उपचार-
१ सैर करना, योगासन, प्राणायाम योग निद्रा का अभ्यास।
२ भारी बदन वालों कोअपने दैनिक भोजन में चिकनाई युक्त भोजन, घी, मक्खन और शर्करा युक्त पदार्थों आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए।बीच-बीच में भोजन भी कम मात्रा में लेना चाहिए। रेशेदार खाद्य-पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए।
३ गेहूँ ५००ग्राम, बाजरा ५००ग्राम, साबुत मूंग ५००ग्रामके अनुपात में लेकर दलिया बना लें। इसमें २०ग्राम अजवायन, ५०ग्राम सफेद तिल, भी मिला लें। आवश्याकतानुसार ५०ग्राम दलिया ४००मि०लिटर पानी में पकाएं , स्वादानुसार हरीसब्जियाँ और हल्का नमक मिलाकर नियमित रुप से सेवन करें बहुत गुणकारी है।

औषधियाँ-

गुड़मारबुटी १० तोला, जामुन कीगुठली ५तोलाऔर सौंठ ५ तोला लेकर कपड़ छ्न करके ग्वारपाठा के रस में
घोटकर आधे-आधे ग्राम की गोलियाँ बना लें। एक-एक गोली दिन में तीन बार शहद के साथ तीन-चार माह तक सेवन करने से मधुमेह समाप्त होता है।
बसंतकुसुमाकर रस ५ ग्राम,
बंगभस्म ५ ग्राम,
अमृतासत्व १०ग्राम,
स्वर्णमाक्षिक भस्म ५ग्राम।
उपरोक्त सभी को मिलाकर २० पुड़िया बनालें। सुबह सायं अर्थात दो बार शहद या मलाई में मिलाकर सेवन करें। ४० दिन तक लेने से लाभ होगा।
३ चंद्रप्रभावटी और ब्राह्मीवटी - दो-दो गोली सुबह नाश्ते से पहले और रात्रि में सोने से पहले दूध या पनी से चालीस दिन तक लेवें।